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कविता की खुँटी

                    

बचपन खोना कोई नहीं चाहता

Apr 18, 2025 | डायरी | वन्दना सूद  |  👁 116,729

जीवन जीने का असली मजा तो बचपन में ही होता है
जहाँ ज़िम्मेदारियाँ क्या होती हैं पता ही नहीं होता
और जैसे ही ज़िम्मेदारियाँ समझ आने लगती हैं
वैसे ही जीवन में उथल पुथल भी शुरू हो जाती हैं
इसलिए बचपन खोना कोई नहीं चाहता
पर वक्त को चाह कर भी कोई रोक नहीं पाता..
वन्दना सूद




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (7)

+

Vadigi.aruna said

बहुत खूब👌👌

वन्दना सूद replied

🙏🙏😊

Shiv Charan Dass said

वाह

वन्दना सूद replied

🙏🙏

श्रेयसी said

बस अब बचपन की यादों में हम सिर्फ़ खो सकते हैं। बहुत सही कहा आपने 🙏🙏

वन्दना सूद replied

Sahi mein yaadein hi hain bs

Supriya sahu said

बचपन सिर्फ याद बनकर रह गई है अब तो, बहुत खूबसूरत रचना मैम 👌👌, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏

वन्दना सूद replied

सबके जीवन का सबसे खूबसूरत पड़ाव

सुभाष कुमार यादव said

सुंदर ! 👌👌🙏

वन्दना सूद replied

🙏🙏

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Bahut Khoob Likha Mam,, ekdam satya... Aapko Saadar Pranam... Halanki Bachpan Dobara Nahi aata fir bhi usko Bachhon ke jeewan m punah mehsoos kiya ja sakta hai,,aaspaas me apne,padosiyon ke ya raste se yunhi gujarte nanhe bachhe kilkari maarte huye, bahut shukun dejate hain....Bachpan ek stage hai sabko jeewan m ek bar milti hai,, but kisi or ke bachpan m bhi jhankne par lagbhag utna hi ya kabhi kabhi apne bachpan se bhi jyada sukun mil jaata hai... Saadar Pranam...

वन्दना सूद replied

बहुत सही कहा आपने अशोक जी 👌👌 हर बच्चे के बचपन में हम अपना बचपन ढूँढते हैं

Lekhram Yadav said

बहुत सुन्दर रचना सुप्रभात सहित सादर नमस्कार

वन्दना सूद replied

शुक्रिया sir 🙏🙏

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