जीवन जीने का असली मजा तो बचपन में ही होता है
जहाँ ज़िम्मेदारियाँ क्या होती हैं पता ही नहीं होता
और जैसे ही ज़िम्मेदारियाँ समझ आने लगती हैं
वैसे ही जीवन में उथल पुथल भी शुरू हो जाती हैं
इसलिए बचपन खोना कोई नहीं चाहता
पर वक्त को चाह कर भी कोई रोक नहीं पाता..
वन्दना सूद
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




