किसी की तरफ़ कदम उतने ही बढ़ाना
कि रुक जाएँ या थम जाएँ कभी
तो तकलीफ़ दिल को रुकने में
या छोड़ने में ज़्यादा न हो
वन्दना सूद
यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है
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या छोड़ने में ज़्यादा न हो
वन्दना सूद