इस कॉमिक बुक में पीएम मोदी को ग्राफ़िक अवतार में दिखाया गया है। यह नए वोटर्स के सामने मोदी सरकार के दस साल के काम को बहुत इनोवटिव रूप में पेश करती है।
2024 के आम चुनाव में 1.85 करोड़ से भी ज़्यादा पहली बार के युवा वोटर हैं। 2024 इनोवेशन और तकनीक का युग है । राजनीतिक विश्लेषक और लेखक शांतनु गुप्ता ने 2024 लोकसभा चुनावों से पहले युवा वोटर्स को ध्यान में रखते हुए '101 कारण मैं मोदी को वोट क्यों करूंगी' नामक एक कॉमिक स्टाइल ग्राफ़िक पुस्तक को पाठकों को दे रहे हैं।
“आमतौर पर, हम कॉमिक बुक और ग्राफ़िक उपन्यासों को मनोरंजन, मौज़-मस्ती और बच्चों से जोड़ कर देखते हैं। परंतु यह किताब ग्राफ़िक के जरिए कुछ गंभीर राजनीतिक और नीतिगत टिप्पणी करती है। यह पुस्तक दस अलग-अलग लोकप्रिय कॉमिक कला शैलियों का इस्तेमाल करके बनी एक ग्राफ़िक पुस्तक (या लोकप्रिय भाषा में कॉमिक बुक) है, जिसके जरिए लेखक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दस वर्षों के काम को बताने का एक अनूठा प्रयोग किया है।
पुस्तक शान्तनु गुप्ता के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में "राजनीतिक टिप्पणी के लिए ग्राफिक्स/कॉमिक पुस्तक का उपयोग" पर शोध का परिणाम है। शोध के दौरान उन्होंने कई विख्यात राजनीतिक ग्राफ़िक पुस्तकों का अध्यन किया। उन्होंने पाया कि आम जनता के बीच राजनीतिक विचारों को फैलाने के लिए ग्राफ़िक पुस्तकें एक सशक्त माध्यम बन सकती हैं।
यह किताब एक मोदी आलोचक और लेखक के बीच संवाद के रूप में तैयार की गई है। पुस्तक के शुरूआत में ही, मोदी आलोचक लेखक से 2024 में मोदी को वोट देने के लिए एक मज़बूत कारण पूछ रहे हैं । पुस्तक की इस यात्रा के दौरान, लेखक पाठकों को भारत के गाँवों, कस्बों, गलियों और उपनगरों में रहने वाले लोगों से परिचित कराते हैं, और संवाद के दौरान, वे 2024 में मोदी का समर्थन करने के लिए 101 मज़बूत कारण बताते हैं।
लेखक ने पुस्तक की अधिकांश कहानियाँ मोदी सरकार की विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों से सीधे बात करके लिखी हैं। प्रत्येक 101 कारण को एक सुंदर कविता, व्यक्तिगत कहानियों और 2014 से पहले के परिदृश्यों के साथ तुलनात्मक डेटा के साथ पेश किया गया है।
लेखक शांतनु के अनुसार, किसी भी वोटर का चुनावी बर्ताव दो बिंदुओं पर निर्भर करता है - (a) मौजूदा सरकार के दौरान उसके जीवन में सुधार और (b) वोटर की जातीय, धार्मिक, लैंगिक, आयु संबंधी, क्षेत्रीय और भाषायी पहचान। जब कोई सरकार कुशलतापूर्वक और बेहतर ढंग से काम करती है और पहले बिंदु पर उसका प्रदर्शन बढ़िया होता है, तो दूसरे बिंदु यानी पहचान की राजनीति धुंधला होती जाती है और देश प्रगति और विकास की ओर अग्रसर होता है।