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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

ख्वाब तो बस ख्वाब हैं

कापी राइट गीत - ख्वाब तो ख्वाब हैं

ख्वाब तो बस ख्वाब हैं ख्वाब का है क्या यकीं
यह एक पल में साथ हैं तो ये दूसरे पल में नहीं

याद सबको ख्वाब में
आते हैं गुजरे जमाने
ख्वाब के आते ही हम
चल पङे दुनियां बसाने
एक ही मुलाकात में ये
सज गए सपने सुहाने
इन ख्वाबों की बारात में
ये ख्वाब होते हैं सुहाने
आंख खुलते ही सनम
कुछ सामने होता नहीं
ख्वाब तो................

एक दिन एक ख्वाब में
मिल गया एक खजाना
उस खजाने के लिए ये
बन गया दुश्मन जमाना
तब मैं लङा जी जान से
हो गया मुश्किल बचाना
फिर एक फरिश्ता ले गया
मांग कर मुझ से खजाना
तब आंख मेरी खुल गई
वो हो गया गायब कहीं
ख्वाब तो ...................

एक दिन मैं ख्वाब में
यूं सीढ़ियां चढ़ने लगा
पंख मुझको लग गए
आकाश में उङने लगा

जोर का तूफान आया
और उस में घिर गया
पाताल सी गहराइयों में
मैं अचानक गिर गया
तब मैं गिरा था फर्श पर
बस और था कोई नहीं
ख्वाब तो ..................
- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )


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सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

+

रमेश चंद्र said

बिल्कुल उचित कहा आपने ख्वाब तो ख्वाब है ख्वाबों का क्या है एक पल में आसमान छू लेते है

Lekhram Yadav replied

आपका एक बार फिर से स्वागत है ।

Vineet Garg said

Very nice

Lekhram Yadav replied

शुक्रिया गर्ग साहब, मेरे साथ बने रहने के लिए, मैं आपका दिल से आभार प्रकट करता हूं।

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Bahut sundar Rachna ...khwab to bas khwab hai...bahut kareeb se jud paa raha hu kyuki aise waise jese aapne bayan kiye hain khwaab m khud bhi dekhta rahta hun...to Puri tarah jud pa raha hun..

Lekhram Yadav replied

सर, मैं आपका शुक्रिया करने के सिवाय और कुछ कहने में असमर्थ अनुभव कर रहा हू।

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