मौसम से ऊपर रहीं वो नही बदलने वाली।
चाहत में सराबोर हैं फूल सी खिलने वाली।।
बातों की ठिठोली जो गहराई से निकालती।
चाय की शौकीन नहीं बस प्रेम करने वाली।।
हवा बदली फिजा बदली मगर वो न बदली।
धूप की तरह 'उपदेश' सुहानी लगने वाली।।
दिन सिकुड़ रहा मगर मोहब्बत और बढ़ रहीं।
उसका रंग निखर रहा खिलखिलाने वाली।।
- उपदेश कुमार शाक्यवार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




