New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.



The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|

The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

ज़ुल्फ़ तेरी लहराई फिर से - गज़ल- वेदव्यास मिश्र

ज़ुल्फ़ तेरी लहराई फिर से,
ली अंगड़ाई मौसम फिर से !!
दहलीज़ें भीगी - भीगी है,
सौंधी खुशबू आई है फिर से !!

जी नहीं भरता मिलकर उनसे,
क्या जादू है उनमें ऐसा !!
बिजली गुल हो गई है फिर से,
थरथराये हैं लब फिर से !!

ये ना समझना पागल हूँ मैं,
कुछ का कुछ बोले जाता हूँ !!
पर ये सच है सोलह आने,
मदहोशी छाई है फिर से !!


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


समीक्षा छोड़ने के लिए कृपया पहले रजिस्टर या लॉगिन करें

रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (6)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Lagta hai Baarish aayi hai fir se🙏🙏

वेदव्यास मिश्र said

भाई अशोक जी, सुप्रभात नमन शुभाशीष..सचमुच बारिश हुई है फिर से !! "देखा जो मुझको गौर से उसने, आज हुआ घायल मैं फिर से !! " 💜💜

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Waah waah bahut badiya shriman acharya ji.

वेदव्यास मिश्र said

अशोक जी, सप्रेम आभार 💜

वन्दना सूद said

👏👏आप इतना अच्छा लगता हैं कि तारीफ़ के लिए शब्द ही कम पड़ जाते हैं

वेदव्यास मिश्र said

वन्दना सूद जी, इस अपनेपन और बड़प्पन को पल्लवित हृदय से नमन !! मेरा भी वही हाल है वन्दना जी..ये शब्द धोखा दे जाते हैं और कम पड़ जाते हैं !! नमन आनन्दित हृदय से आभार 🙏💖💖🙏

कविताएं - शायरी - ग़ज़ल श्रेणी में अन्य रचनाऐं




लिखन्तु डॉट कॉम देगा आपको और आपकी रचनाओं को एक नया मुकाम - आप कविता, ग़ज़ल, शायरी, श्लोक, संस्कृत गीत, वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कहानियां, कॉमिक्स, हाइकू कविता इत्यादि को हिंदी, संस्कृत, बांग्ला, उर्दू, इंग्लिश, सिंधी या अन्य किसी भाषा में भी likhantuofficial@gmail.com पर भेज सकते हैं।


लिखते रहिये, पढ़ते रहिये - लिखन्तु डॉट कॉम


© 2017 - 2025 लिखन्तु डॉट कॉम
Designed, Developed, Maintained & Powered By HTTPS://LETSWRITE.IN
Verified by:
Verified by Scam Adviser
   
Support Our Investors ABOUT US Feedback & Business रचना भेजें रजिस्टर लॉगिन