पुण्य कर्म कभी कल पर मत टालो।
क्योंकि हम कभी काल को नहीं जीत सकते॥
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जिस दिन समय का सदुपयोग करते हुए कोई शुभ या अच्छा कार्य करें।
उस दिन को ही शुभ दिन समझना चाहिए ॥
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देने वाले को अपनी नज़र झुका कर ही दान करना चाहिए।
क्योंकि आप तो निमितमात्र हैं ।
देनदार दाता(भगवान)कोई और है ॥
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माता माता होती है
चाहे आपकी हो या आपके बच्चे की हो
हर भाव से आदरणीय होती है ॥
वन्दना सूद