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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

ग़ज़ल (ज़माना छोड़ दे क्या)

इश्क़ की खातिर, दर्द का तराना छोड़ दे क्या,
ग़ज़ल न गा सके तो गुनगुनाना छोड़ दे क्या।

तुम्हें नहीं पसंद शायरी इसमें मेरी क्या ख़ता,
तुम्हारे लिए, अंदाज-ए-शायराना छोड़ दे क्या।

ज़िंदगी की ठोकरों से सीखा है जीने का हुनर,
गम का सैलाब देख, मुस्कराना छोड़ दे क्या।

इश्क़ इबादत है, तुमने तो इबादत ही छोड़ दी,
तुम्हारे लिए अब इश्क़ सूफ़ियाना छोड़ दे क्या।

सब कुछ तो छोड़ दिया मैंने, राह-ए-इश्क़ में,
अब तुम्हारे वास्ते, हम ज़माना छोड़ दे क्या।
🖊️सुभाष कुमार यादव




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (5)

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Lekhram Yadav said

अरे सुभाष जी हमें आपकी गजल सुनने की बहुत जरूरत है, आप जमाना मत छोड़िए बस हमारे साथ रहिए, यही हम सब के लिए अच्छा होगा, वैस इस खूबसूरत गजल के लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद एवं नमस्कार।

सुभाष कुमार यादव replied

आदरणीय यादव सर जी। आपका मार्गदर्शन समीक्षा के रूप में मिलता रहे। लेखन सतत गतिमान रहेगा।🙏🙏🙏

Arpita pandey said

अरे वाह क्या बात है आपकी ग़ज़ल और शायरी पढ़ने और सुनने के लिखन्तु पर बहुत से पाठक है बस आप ग़ज़ल करना ना बन्द करें

सुभाष कुमार यादव replied

धन्यवाद अर्पिता जी । आप सभी का स्नेह बना रहे। ग़ज़ल लिखते रहेंगे।🙏🙏🙏

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Bahut sundar ghazal Adarneey Yadav Sir, Hame to intzaar rahta hai adarneey ki ghazalon ka, ham to yahi chahenge ek se badhkar ek ghazal aap pesh karte rahein...

सुभाष कुमार यादव replied

धन्यवाद पचौरी सर जी। आप सब का प्रेम, स्नेह और आशीर्वाद बना रहे। प्रयास करूँगा और अच्छा लिख सकूँ।🙏🙏🙏

रीना कुमारी प्रजापत said

बिल्कुल नहीं ना ज़माना छोड़ना है ना ही शायराना अंदाज़ छोड़ना है हमे आपकी ग़ज़ल, आपकी शायरी बहुत पसंद है आपको बस हमेशा लिखते रहना है.... बहुत सुंदर ग़ज़ल

सुभाष कुमार यादव replied

धन्यवाद रीना जी आपका आशीर्वाद बना रहे। निरंतर लेखन करते रहेंगे।🙏🙏

वन्दना सूद said

wah wah!!बहुत बढ़िया जो आपके शौक़ ना अपनाए वो आपका क्या बनेगा कभी 👏👏बहुत खूब लिखा

सुभाष कुमार यादव replied

धन्यवाद वन्दना सूद जी। 🙏🙏🙏

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