फर्जीवाड़ा- डॉ एच सी विपिन कुमार जैन "विख्यात"
वर्षों से फर्जी वाड़ा कर रहे हैं,मेरे शहर में।
चंद जाल साज लगा रहे हैं आग, घर-घर में।
इधर-उधर की बातें करके,बहकाते हैं लोग।
फ्री फॉर्म को भी, सौ सौ में बेच जाते हैं लोग।
अंकी ,इंकी ,डंकी लाल, हैं धूर्त और मक्कार।
आज तो छप गई खबर ,अखबार में।
एक डाल पर तोता बोले, एक डाल पर मैं ना।
काकी ताई बोली, भ्रष्टों के बीच में मुझे नहीं रहना।
मूर्ख आनंद भी गाल बजाय रहे, जागते रहो।
सीटी बजाते रहो, एक के चार करते रहो।
लेकर निकले बुलडोजर बाबा , आवाज आ रही चोर चोर।
आनंद चल पड़ा प्रभात देखकर, और मचा रहा शोर।
छल कपट कर, मुखिया मुझे फंसाय रहा।
जबरन हस्ताक्षर करवा कर, अब जेल जाय रहा।