परिंदों के संग होके मगन,,,
आ दूर उड़ चले नीले गगन में...!!!
इस बैरी ईर्ष्या को मिटाके,,,
आ कर ले सबसे प्रेम जतन रे...!!!
पुष्प खिले नील कमल,,,
कोई कविता लिखे मोर कलम से...!!!
प्रत्येक बंधन में हो लगन,,,
सबके ही ह्रदय जले प्रेम अगन में...!!!
सर्दी लगे ठंडे पड़े तन,,,
आओ बैठे सभी अग्नि जलन में...!!!
आनंदित करे सब मन,,,
बातों में रहे ना कोई भी चुभन रे...!!!
प्रेम रहे ह्रदय जन जन,,,
मिलके जलाए पाप होली दहन में...!!!
संतोष करे हर तन मन,,,
अब ना रहे कोई भी किसी भरम में...!!!
ताज मोहम्मद
लखनऊ

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




