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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

ये रात ढ़ल गई

ये रात ढ़ल गई

मैं चलता रहा सफर में ये रात ढ़ल गई
यादों के स॔ग, सहर में, ये रात ढ़ल गई
ऐसे में तुम कहां हो ये पूछा जो चांद से
वो चलता रहा सफर में ये रात ढ़ल गई
न नींद थी कहीं ना अब करार था कोई
तन्हा थे, हम, सफर में, ये रात ढ़ल गई
इस गुप अंधेरी, रात में, हम जागते रहे
थे, इश्क के, असर में, ये रात ढ़ल गई
मोहब्बत की ओढ़ चादर सो गए थे हम
यूं ऐसे, हँसी, सफर में, ये रात ढ़ल गई
जब छुप गए, सितारे, और भोर हो गई
वो, आए, नहीं नजर में ये रात ढ़ल गई

यादव ने उनको ढूंढ़ा न जाने कहां-कहां
वो खो गए, सफर में, और रात ढ़ल गई
- लेखराम यादव


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (5)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

bahut sundar ghazal shrimaan ji

Lekhram Yadav replied

आदरणीय पचौरी जी धन्यवाद

Muskan Kaushik said

वह वह क्या बात है

Lekhram Yadav replied

Muskan kaushil ji welcome

डॉ कृतिका सिंह said

एक खूबसूरत गजल रात ढल गई बहुत खूब

Lekhram Yadav replied

Dr. Kritika Singh ji so many thanks

रीना कुमारी प्रजापत said

बहुत ही खूबसूरत ग़ज़ल लिखी है लेखराम जी लाजवाब

Lekhram Yadav replied

Welcome Reena kumari prajapat ji

वन्दना सूद said

🙌🏻🙌🏻गज़ब sir

Lekhram Yadav replied

आदरणीय वन्दना जी, आपकी प्रतिक्रिया गजल से भी खूबसूरत है, आपका बहुत-बहुत शुक्रिया एवं सादर नमस्कार।

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