मैने कुछ लोगो का नसीब बदलते देखा है पा लेते है कुछ ताज-ओ- तख्त
तो कुछ को खोते देखा है।
मैने कुछ लोगो का नसीब बदलते देखा है
लूट ले जाते है कुछ वाह-वाही
तो कुछ को रोते देखा है।
मैने कुछ लोगो का नसीब बदलते देखा है
बन जाती है कुछ नई हस्ती
तो कुछ को मिटते देखा है।
मैने कुछ लोगो का नसीब बदलते देखा है
बन जाते है कुछ नए मकान
तो कुछ को बिखरते देखा है।
-राशिका