ये मोहब्बत का सफर
ये मोहब्बत, का सफर तो, यूँ ही चलेगा
कत्ल, आंखें करेंगी, ये दिल आहें भरेगा
हुस्न वालों, पे कभी, यकीं होता ही नहीं
फूल, खिलते, रहेंगे, ये गुल, आहें भरेगा
निकलेंगी कहां आहें, कत्ल होने के बाद
मगर ये इश्क है इस में कत्ल होता रहेगा
फिदा होते, ही रहेंगे, ये इश्क करने वाले
इन कातिल निगाहों से कोई कैसे बचेगा
खत्म होगी नहीं ये, मोहब्बत की कहानी
कली खिलती रहेंगी ये अली आहें भरेगा
इस दिल, पे किसी का, जोर चलता नहीं
कत्ल, होने के, बाद, तू ,भी, आहें भरेगा
दिलों से, खेलने का, जिन्हें है, शौक यहां
दिल उन का भी यादव, यूं ही आहें भरेगा
- लेखराम यादव
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