लोग जब नाम कमा लेते हैं यहाँ कुछ कुछ
चेहरे की रंगत छुपा लेते हैं यहाँ कुछ कुछ I
बोलने लगते हैं उल्टा सीधा हरेक मसले पर
खामियाँ अपनी भुला देते हैं यहाँ कुछ कुछ I
किसी का कद और ओहदा उठान पर हो तो
छोटी वो यारियां भुला देते हैं यहाँ कुछ कुछ I
भला बुरा आगा पीछा सोचते नहीं खुमार में
मुहं पर कालिख लगा देते हैं यहाँ कुछ कुछ I
आज नहीं तो कल तेरी भी बारी आएगी दास
सबको यहीं हम सिखा देते हैं यहाँ कुछ कुछ II