नींद आने से पहले ही याद आई।
बेकरारी की जिसने तादाद बढ़ाई।।
संदेश व्हाटसएप पर लिख डाला।
वापस उसकी आमोद-प्रमोद आई।।
अब इशारे कहाँ समझ पाते लोग।
कॉल करके विस्तृत मुराद समझाई।।
अल्फाजों का सहारा भारी प़डा।
जान बच नही पाई विवाद गहराई।।
जो दौर चल रहा है मुद्दा वो नही।
आने वाले वक्त में जद्दोजहद जताई।।
वैसे तो सभी है तलाश-ए-सुकून में।
पर झूठी शौहरत 'उपदेश' स्वाद लाई।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद


The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra
The Flower of Word by Vedvyas Mishra







