तन्हा तो मैं बहुत हूॅं ज़िंदगी में,
पर फिर भी महसूस कोई आस पास होता है,
तन्हा तो मैं बहुत हूॅं ज़िंदगी में,पर फिर भी महसूस
कोई आस पास होता है।
ढुॅंढने की कोशिश करती हूॅं उसे,
पर मिलता नहीं वो मुझे है....
जब भी उदास होती हूॅं ख़्वाबों में वो आ जाता है,
जब भी उदास होती हूॅं ख़्वाबों में वो आ जाता है,
मेरी उदासी को दूर कर चेहरे पर मुस्कान दे जाता है। पर पता नहीं क्यों,
वो फिर चला जाता है........🖊
हक़ीक़त में कभी आता नहीं,
हक़ीक़त में कभी आता नहीं,
ख़्वाबों में हमेशा आता है।
वो एक ऐसा दिवाना है जो जताता नहीं
पर प्यार बहुत करता है......
हो मुझे कोई दर्द या हो कोई खुशी,
हो मुझे कोई दर्द या हो कोई खुशी,
दर्द में दिलासा देने आता है और
खुशी में मेरी, खुश वो भी होने आता है। पर पता नहीं क्यों,
वो फिर चला जाता है.........🖊
कल रात आया था वो ख़्वाबों में मेरे,
बातें बड़ी प्यारी कर रहा था, कल रात आया था वो ख़्वाबों में मेरे,
बातें बड़ी प्यारी कर रहा था, जब खुली अचानक नींद मेरी
तो वो पास नहीं मेरे था........
ख़्वाबों में ही सही,पर आकर वो
ख़्वाबों में ही सही, पर आकर वो
तन्हाइयों को दूर कर देता है। पर पता नहीं क्यों,
वो फिर चला जाता है........🖊
"रीना कुमारी प्रजापत"