उन्हें ना आने की जिद है पर मेरे इंतजार की हद नहीं।
किस को कौन समझाए दोनों को ही इसकी समझ नहीं।।1।।
ना जाने कौन सी कशिश है जो जोड़े रखती है हमें आपसे।
वरना हम ऐसे हैं कि हमें किसी की जरूरत नहीं।।2।।
माना कि बहुत अरसे से हमारा आपका वास्ता नहीं।
पर इसका मतलब यह नहीं कि हमे आपसे मोहब्बत नहीं।।3।।
इस तसव्वुर की दुनिया से बाहर जीने लगे हैं हम।
क्योंकि तसवी के दानों में अब वह इबादत नहीं।।4।।
मैं तुझको दुआ करने से कभी भी रोकता नहीं हूं।
पर मेरी जिंदगी में दुआओं की कोई हकीकत नहीं।।5।।
क्यों खर्च होते हो इधर-उधर दुनिया के मेलों में।
जो अपने असर में ना ले ले ऐसी कोई सोहबत नहीं।।6।।
परेशाँ हूँ दुनिया की सौदेबाजी में लेकिन जानता हूँ मैं।
खुदको बेचकर खुदा की राह में जन्नत पाने जैसी कोई तिजारत नहीं।।7।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




