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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

उन्हें ना आने की जिद है।

उन्हें ना आने की जिद है पर मेरे इंतजार की हद नहीं।
किस को कौन समझाए दोनों को ही इसकी समझ नहीं।।1।।

ना जाने कौन सी कशिश है जो जोड़े रखती है हमें आपसे।
वरना हम ऐसे हैं कि हमें किसी की जरूरत नहीं।।2।।

माना कि बहुत अरसे से हमारा आपका वास्ता नहीं।
पर इसका मतलब यह नहीं कि हमे आपसे मोहब्बत नहीं।।3।।

इस तसव्वुर की दुनिया से बाहर जीने लगे हैं हम।
क्योंकि तसवी के दानों में अब वह इबादत नहीं।।4।।

मैं तुझको दुआ करने से कभी भी रोकता नहीं हूं।
पर मेरी जिंदगी में दुआओं की कोई हकीकत नहीं।।5।।

क्यों खर्च होते हो इधर-उधर दुनिया के मेलों में।
जो अपने असर में ना ले ले ऐसी कोई सोहबत नहीं।।6।।

परेशाँ हूँ दुनिया की सौदेबाजी में लेकिन जानता हूँ मैं।
खुदको बेचकर खुदा की राह में जन्नत पाने जैसी कोई तिजारत नहीं।।7।।

ताज मोहम्मद
लखनऊ




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (1)

+

फ़िज़ा said

Mere inzaar ki had nahi ... Bahut khoob

ताज मोहम्मद replied

बहुत बहुत शुक्रिया।

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