©वो घड़ी भी दिल देने लगी है।
वो जो घड़ी है,
बंद पड़ी है,
उसने भी दिल देना,
सीख लिया है,
आंखों में उसके,
पल पल जो निकले,
पलकों ने उसके,
आंसू चुने हैं,
बहता है वो भी,
कोई पल ना खाली है,
दिल दे कर उसने,
किनारा किया है,
धीरज रखकर,
दगा जो किया है,
पल पल चलने वाला,
ठहर सा गया,
मोहब्बत ही ऐसी है,
कुछ भी करें कोई,
मोहब्बत जैसी है,
जिंदगी वैसी है ।।
- ललित दाधीच।।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




