हुनर से फायदा होगा मगर किसका।
जान जाने पर ही टूटेगा भरम उसका।।
वक्त बेवक्त ही सही हमारी बात पहुँचे।
वक्त रहते राह बनाने का करम उसका।।
आसमान को उठाए फिर रहा 'उपदेश'।
मसला हल तब होगा जब रहम उसका।।
ग़ज़ल एक बहाना है इशारा करने का।
मोहब्बत जिंदा रखने का धरम उसका।।
- उपदेश कुमार शाक्यवार 'उपदेश'
गाजियाबाद