कापीराइट गीत
कहने दो अब दिल को मत रोको कहने दो
बहने दो इन आंखों को मत रोको बहने दो
पूजा जिनकी करते थे आज वो अपने साथ नहीं
प्यार दिलों में बसता है यह पैसे का मोहताज नहीं
सहने दो इन बातों को मत रोको कहने दो
कहने दो अब .......................
बोया था जो कल हमने आज वही तो काट रहे
सींचा था जिस नफरत को आज वही तो बांट रहे
सुनने दो यह सब बातें मत रोको सुनने दो
कहने दो अब .......................
दिल की बातें कहने से ये दिल हल्का हो जाएगा
दर्द छुपा है इन में कितना आज बयां हो जाएगा
कहने दो अब इन को मत रोको कहने दो
कहने दो अब .......................
खोज रहे हैं मतलब अपना लोग ये सारे जग में
बनाके अपना छोड़ रहे हैं अपने ही मतलब में
अब जाने दो यादव इनको मत रोको जाने दो
कहने दो अब .......................
- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )
सर्वाधिकार अधीन है