अन्तरात्मा की आवाज़ कुछ कह रही।
दर्द की हवा वहीं पुरानी वाली बह रही।।
जो भी मिले बीच रास्ते मे छोड़ कर गए।
वायदे करने वाले कई वहीं दर्द सह रही।।
निभाने की बात केवल बातों तक दिखी।
ज़िन्दगी उतार चढाव की 'उपदेश' राह रही।।
- उपदेश कुमार शाक्यवार 'उपदेश'
Ghaziabad