क्या क्या कहें
कैसे वर्णन करें
तेरी मूर्ति को नमन करें
पूजा भी न आएं
प्रार्थना ही है भायें
तेरे दर पर खड़े पुकारा करें
जग रीत कहाँ भायें
बिन तेरे कहाँ जाएँ
तेरे धाम मुकाम ढूंढा करें
जीना भी कहाँ भायें
स्मरण तेरा ही करें
तेरी भक्ति की रंगतमें रंगा करें
दिया जो सम्मान करें
आदर तेरा ही किया करें
तेरे उपासक चरणोंमें लिपटे रहें