सुबोध ज्ञान की गंगा में,
स्नान हमें तो करना है
ज्ञान की महिमा का,
रसपान हमें तो करना है
जैसे राधा को हुआ प्यार,
ऐसा प्यार हमें तो करना है
त्याग समर्पण से,
जगमें 'अमर' हमें तो बनना है
मीरा के वैराग्य में भक्ति दीपे,
वो दीपक हमें तो बनना है
आध्यात्मिक पथ पर,
केवल 'भक्त' तेरा हमें तो बनना है
शबरी सा श्रेष्ठ भाव भर
दीवाना तेरा होना है
लगन में मगन हो कर
गहनता के ज्ञान का पठन हमें तो करना है
यातना के समंदर में कितने उगरे
निःस्वार्थ भाव में कितने खिले
सब्र के दामन को पकड़ कर
अटूट ऐसा बंधन "काना" से हमें तो जोड़ना है
हेतार्थ ज्ञान के हर पन्ने पे,
कुर्बानी से, हमें तो रंग जाना है
जीवन समर्पण कर........
सुबोध ज्ञान की गंगा में, स्नान हमें तो करना है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




