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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

गरमा गरम यादें

आता जब मौसम सुहानी सर्दियों का।
झूमने लगता है मौसम सर्दियों का।

हर घड़ी ये जिद्द करता तुमसे मिलने की,
मचलने लगता है मौसम सर्दियों का।

लिपटतीं जब तुम्हारी गरमा-गरम यादें,
बहकने लगता है मौसम सर्दियों का।

जब महावट बन तुम्हारे ख्वाब घिर आते,
बरसने लगता है मौसम सर्दियों का।

कंपकंपाती उंगलियां से जब तुम्हें छूता,
बहकने लगता है मौसम सर्दियों का।

तुम्हारे आने की जब भी खबर मिलती है,
संवरने लगता है मौसम सर्दियों का।

आहटें आतीं तुम्हारी तुम नहीं आते,
सिसकने लगता है मौसम सर्दियों का।

गीत जो तुम पर लिखे है उन्हें सुनते ही,
थिरकने लगता है मौसम सर्दियों का।

गीतकार - अनिल भारद्वाज एडवोकेट हाईकोर्ट ग्वालियर
सर्वाधिकर सुरक्षित लेखक




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

+

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

वाह! अनिल जी, श्रृंगार रस की सुंदर रचना 👌👌। सर्दी के मौसम में दिल में उठने वाली गरम गरम एहसासों का मधुमय चित्रांकन 👌👌🙏🙏।सादर नमस्कार 🙏🙏

अनिल भारद्वाज एडवोकेट replied

बहुत-बहुत धन्यवाद आपको भी सादर नमस्कार,समदिल जी, आपकी सुंदरतम श्रेष्ठ समीक्षा से दिल गदगद हो उठा, गरम-गरम एहसासों का मधुमय चित्रांकन वाह वाह बहुत खूब बेहतरीन शब्द हैं।

सरिता पाठक said

हर घड़ी जिद ये करता है तुमसे मिलने का मचलने लगता है मौसम सर्दी का सर्दी के मौसम मे प्रेम के गरमा गरम अहसासों से परिपूर्ण रचना, हर पंक्ति लाजबाब सर जी ko सादर प्रणाम 🙏🙏

अनिल भारद्वाज एडवोकेट said

सादर प्रणाम सम्माननीया सरिता जी, आपकी श्रेष्ठ और मनोहरी समीक्षा के लिए हृदय से धन्यवाद।
आपने मेरी रचना के दिल को छुआ है। बहुत प्रसन्नता हुई पुनः धन्यवाद।

रीना कुमारी प्रजापत said

बहुत ही खूबसूरत रचना......

अनिल भारद्वाज एडवोकेट replied

बहुत-बहुत धन्यवाद रीना जी, आभार आपका

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