तुमसे मिलना जैसे बरसों बाद बरसात का आना लगे,
सूखे दिल की धरती पर फिर से हरियाली सा छा जाना लगे।
तुमसे मिलना जैसे ख़ुद से ही दुबारा रूबरू हो जाना,
भीड़ भरी इस दुनिया में अपना एक कोना पा जाना लगे।
तुमसे मिलना हर लम्हा रुक जाने की सी इक जिद है,
साँसें जैसे कहती हों बस अब यहीं ठहर जाने की विद है।
तुमसे मिलना इल्तिज़ा भी है, तसब्बुर भी है, तअल्लुक़ भी,
तुम मिल जाओ तो लिखी हुई तक़दीर भी ख़ूबसूरत सी लगती है।


The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra
The Flower of Word by Vedvyas Mishra







