कापीराइट गजल
इकरार का मौसम है
ये बहार का मौसम है
ऐसे में तुम कहां हो
ये प्यार का मौसम है
ये इजहार का मौसम है
मनुहार का मौसम है
आ जाओ तुम कहां हो
ये प्यार का मौसम है
बरसात का मौसम है
मुलाकात का मौसम है
इस भीगे हुए बदन पर
ये बहार का मौसम है
ये गुलजार सा मौसम है
ये इन्तजार का मौसम है
इन भटके हुए दिलों के
अब करार का मौसम है
ये हवाओं का मौसम है
ये घटाओं का मौसम है
ये बहकी हुई सी तेरी
इन अदाओं का मौसम है
ये इसरार का मौसम है
ये बेकरार सा मौसम है
ये मचलते हुए दिलों में
अब प्यार का मौसम है
ये तकरार का मौसम है
ये इन्कार का मौसम है
ये तुम कैसे चले आए
ये बेकार सा मौसम है
यादव तुम्हारे दिल में
खुमार का मौसम है
अब तुम चले आओ
ये प्यार का मौसम है
- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )
सर्वाधिकार अधीन है