हूं तुम्हारे दुआओं में शामिल
तुम मुझे भूला ना पाओगे ।
महफिलों की रौनक हैं हम
हमें हर बज़्म में पाओगे।
सुबह की पहली किरण में हम
सुनहरी धूप में भी शामिल हैं ।
हैं खुशी तो तेरे गमों में भी
हाज़िर हैं।
हम बहारों में इन हवाओं में।
इस कलकल बहती नदियों में।
हम शदियों से तो हम आज़ भी।
हम हमेशा तेरे पास हम ख़ास भी।
हमें तुम कैसे भूल पाओगे ...
हूं मैं हर नज़्म हर बज़्म
हर खेल हर मेल ।
सभी तरंगों सभी उमंगों में।
हर जीत सभी उमंगों में।
तुम जब जब भी अपनी आँखें
बंद करोगे..
जब जब भी टटोलोगे हर राहों में
हर इच्छा और सभी चाहों में ..
मुझे पाओगे हां तुम मुझे पाओगे
तुम कभी भी ना भूला पाओगे..
तुम मुझे कभी भी भूला ना पाओगे...