चाहे तू हजार कोशिश कर के देखले मेरे यार
किन्तु इस धरती की सुंदरता तू नहीं मिटा पायेगा
कुछ भी लेकर आया नहीं फिर क्या तू ले जायेंगा
सब तो आखिर धरती का हे तू मिटटी में मील जायेंगा
तुझको जो अवकाश मिला हे फिर से सोचले जरा
कर दे भला किसीका खुदा भी खुश हो जायेंगा
के बी. सोपारीवाला