ये लड़ाई तो
पुरुषों की कभी थी ही नहीं
ये लड़ाई तो
स्वर्ग में बैठी उन महान माताओं की है
जिन्होंने जन्म दिए —
आइंस्टीन, ओपेनहाइमर, मार्क्स, फ्रायड
गाँधी, रसेल और अम्बेडकर जैसे पुत्र।
किसके पुत्र ने दिया
सबसे अधिक योगदान
कौन रहा सबसे महान —
बस, इसी बात की है यह टकराहट।
-प्रतीक झा 'ओप्पी'
इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज