हरियाली की चादर ओढ़े, धरती मुस्कुराती है,
नीला आसमान अपना प्यार बरसाता है।
पक्षियों की चहचहाहट में बसी है मधुर तान,
प्रकृति के हर कोने में छुपा है कोई वरदान।
नदी की कल-कल में जीवन का संदेश है,
पर्वतों की चुप्पी में भी एक अद्भुत विशेष है।
फूलों की मुस्कान हमें जीना सिखाती है,
और ठंडी बयार हर थकान मिटाती है।
सूरज की किरणें नई उम्मीदें लाती हैं,
चाँदनी रातें मन को शांति पहुँचाती हैं।
वृक्षों की छाया में सच्चा सुकून मिलता है,
मिट्टी की ख़ुशबू में माँ जैसा अपनापन खिलता है।
प्रकृति निस्वार्थ देती है, फिर भी कुछ नहीं माँगती,
हमारी हर भूल को भी चुपचाप वो सहती।
संभालो इसे, सहेजो इसे प्यार के साथ,
क्योंकि प्रकृति ही है जीवन की असली सौगात।