खो गये हे यहां सब अपनी अपनी जुस्तजू मे
ऐक हम हे की दीवानगी लीये फिरते हे।
जहां भी हमें कोई देखकर यूं देखता हे
की जैसे की किसीकी अमानत लीये फिरते हे
वैसे तो अपने दोस्त की खुशामद को यारो
जमानेभर की निगाहो में दर्द लीये फिरते हे
किसे पत्ता दिल को कहां सुकून मिल जाये
ये सोचकर दिल लेकर यहां-वहां लीये फिरते हे
ऐक आरजू हे दिल मे उनकी कही दीद हो जाये
इसी आरजू को खुदा समजकर फिरते हे
कही दर्द को दवा तो कही महोब्बत को खुदा
हम शायर भी जाने क्या-क्या लिखते फिरते हे
के बी.सोपारीवाला

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




