तेरी नज़र है जो हमको सताए बैठा है
जाने क्या कहर है जो हमपे ढाए बैठा है
प्रेम की राह में हलाक कई बार हुए हम
जाने क्या डगर है, हमको चलाए बैठा है
हमारे मन का हमसफ़र हमें मिला नहीं कभी
जाने क्या सफर है हमको जगाए बैठा है
सांसों ने धड़कनों से अब तो अनबनी कर ली है
जाने क्या जिगर है हमको हंसाए बैठा है
वफ़ा - जफा का घूंट हलक से उतरा नहीं अभी
जाने क्या ज़हर है हमको जियाए बैठा है।।
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




