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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

तेरी नज़र

तेरी नज़र है जो हमको सताए बैठा है
जाने क्या कहर है जो हमपे ढाए बैठा है

प्रेम की राह में हलाक कई बार हुए हम
जाने क्या डगर है, हमको चलाए बैठा है

हमारे मन का हमसफ़र हमें मिला नहीं कभी
जाने क्या सफर है हमको जगाए बैठा है

सांसों ने धड़कनों से अब तो अनबनी कर ली है
जाने क्या जिगर है हमको हंसाए बैठा है

वफ़ा - जफा का घूंट हलक से उतरा नहीं अभी
जाने क्या ज़हर है हमको जियाए बैठा है।।


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (7)

+

सरिता पाठक said

Bhut khub, bhut sundr hr pnkti lajbab, aadrniya bhaiya ji ko sadar nmskar 👌👌🙏🙏

शिवचरण दास said

तेरी कलम जरा आजमाये बैठा है
समदिल नया कलाम लाये बैठा है

वन्दना सूद said

वाह sir वाह बहुत सुंदर 🙌🏻🙌🏻

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

सरिता बहन,दास सर जी, वन्दना मेम, हार्दिक आभार 🙏🌹

सुप्रिया साहू said

वफ़ा - जफा का घूंट हलक से उतरा नहीं अभी,
जाने क्या ज़हर है हमको जियाए बैठा है..।।
लाज़वाब,बेमिसाल,शानदार हर पंक्ति दिल को छू गई, बहुत सुंदर रचना सर 👌👌, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

रीना कुमारी प्रजापत said

Kya baat hai 👍🙏

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

सुप्रिया जी, रीना जी हृदय से धन्यवाद आभार 🙏🌹

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