उसकी आँखें जैसे कोई गहरी झील,
सुंदर सा मुखड़ा उस पे एक तिल,
वो एक लड़की जिससे मुहब्बत है,
उसे देख कर धड़का था मेरा दिल।
अजीब थी हमारी पहली मुलाकात,
उसकी प्यारी हँसी और उसकी बात,
वो एक लड़की जिससे मुहब्बत है,
उसकी याद में ही कटने लगी रात।
करते थे दोनों एक-दूजे का इंतजार,
पर पहले कौन करे प्रेम का इजहार,
वो एक लड़की जिससे मुहब्बत है,
उसकी आँखों में दिखता था प्यार।
न देखकर देखने की उसकी अदा,
हरेक नखरे पर दिल होता फिदा,
वो एक लड़की जिससे मुहब्बत है,
दुनिया से लगी वो बिलकुल जुदा।
उसके बिना रहता था दिल उदास,
धड़कने लगता दिल होती जो पास,
वो एक लड़की जिससे मुहब्बत है,
मेरे लिए थी वो दुनिया से ख़ास।
🖊️सुभाष कुमार यादव