रिश्तों की डोर ,
प्रेम सत्य विश्वास ,
टिकाऊ खूंटी !
रिश्तों की हत्या ,
स्वार्थ झूठ फरेब ,
विषाक्त गोली !
जर्जर करें ,
गलतफहमियां ,
रिश्तों की नींव !
अग्निपरीक्षा ,
टूटती खामोशियां ,
रिश्ते - नातों की !
रिश्ते - संवारो ,
राख तले आग भी ,
अदृश्य सदा !
पाश्चात्य दौड़ ,
नाजुक होते रिश्ते ,
संस्कार दवा !
भारत देश ,
रिश्तों का है हितैषी,
अतीत - साक्षी !
✒️ राजेश कुमार कौशल ,
[हमीरपुर,हिमाचल प्रदेश]