तेरी गलियों में शामें अक्सर कटती है मेरी,
तेरे इंतजार में...
वो पहली शाम याद है तेरी गली की
जब मैं पहली बार इस गली से गुजरा था
और तू मिली थी,
उसके बाद तो हर शाम तेरी गली में गुजरती हैं
तुझे देखने को,तुझे प्यार करने को।
तेरी गलियों में शामें अक्सर कटती है मेरी,
तेरी याद में...
जब दिख जाये तू ,
विरान जिंदगी आबाद हो जाये
जब ना दिखे तू ,
तो ये दीवाना पागल हो जाये।
तेरी गलियों में शामें अक्सर कटती है मेरी,
तेरे इंतजार में तुझे देखने को........
तेरी गलियों में शामें अक्सर कटती है मेरी,
तेरी याद में तेरे ख्वाबों में, तेरे ख्यालों में।
"रीना कुमारी प्रजापत"