ठिकाने बदल बदलकर तलाशता रहा।
बुद्धि खुली तो जाना दिल में पता रहा।।
उनकी सूरत पर टूटकर आया था दिल।
याद आ रहा है और कुछ-कुछ बता रहा।।
अब की मिली तो मुँह चूम लूँगा प्यार में।
आप बीती सुनाने को ही तलाशता रहा।।
उसका लड़कपन हो सकता कायम हो।
पुरानी यादगार में 'उपदेश' पढाता रहा।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




