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कविता की खुँटी

                    

सत्य वचन

Jun 21, 2024 | डायरी | वन्दना सूद  |  👁 818,522

अहम् इस बात का अक्सर हम अपने ज़हन में रखते हैं कि हम सब कुछ जानते हैं और हम बहुत समझदार हैं ..
पर वक़्त हमें कभी न कभी एहसास करवा ही देता है कि तुमसे बड़ कर भी बहुत हैं,ऊँचाई की कोई सीमा नहीं है
मज़ा तो इस बात में है कि अहम् हम रखते हैं और शिकवा वक़्त से करते हैं ..
वन्दना सूद




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

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ताज मोहम्मद said

वाह क्या बात कही। दार्शनिक अंदाज बहुत खूब

वन्दना सूद replied

शुक्रिया sir😊

Lekhram Yadav said

वाह वन्दना जी कितनी अच्छी बात कही आपने, मन खुश हो गया।

वन्दना सूद replied

धन्यवाद sir😊

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

मुझे आपकी हर रचना कहीं न कहीं प्रेरित करती है पॉजिटिव रहने के लिए यह भी उन में जुड़ गयी है, धन्यवाद इतने सुन्दर विचार के लिए जो कि वास्तव में सत्य वचन है

वन्दना सूद replied

Thankyou sir 😊

फ़िज़ा said

मज़ा तो इस बात में है कि अहम् हम रखते हैं और शिकवा वक़्त से करते हैं, बहुत ही सुन्दर खयालात और सच को सामने प्रस्तुत किया

वन्दना सूद replied

शुक्रिया ma’am 😊

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