अहम् इस बात का अक्सर हम अपने ज़हन में रखते हैं कि हम सब कुछ जानते हैं और हम बहुत समझदार हैं ..
पर वक़्त हमें कभी न कभी एहसास करवा ही देता है कि तुमसे बड़ कर भी बहुत हैं,ऊँचाई की कोई सीमा नहीं है
मज़ा तो इस बात में है कि अहम् हम रखते हैं और शिकवा वक़्त से करते हैं ..
वन्दना सूद
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




