चकोर की चंदा से दीवानगी लिखेगें
तेरी मेरी भी कहानी लिखेगें,
सूरज के रथ चढ़ेंगें एक दिन,
संघर्षों की अपनी तब कहानी लिखेगें।
लिखेगें कि कैसे ज़माने ने था टोका,
गैरों को छोड़ो अपनो ने था रोका,
रोके से रुकने और रुकने से चलने की
पथ के कांटों से बच कर निकलने की,
पथरीली राहों में बढ़ते चलने की,
चल कर गिरने और गिर कर फिर उठने की,
मुश्किल राहों से मंजिल पर पहुंचने की,
कहानी सब की अपनी जुबानी लिखेगें,
सूरज के रथ चढ़ेंगे जिस दिन,
संघर्षों की अपनी तब कहानी लिखेगें।
बचपन में छूटे बचपन के साथ की
ज़माने में बिखरे रिश्तों के बात की,
अधूरी बातों और अधूरे ख़यालात की,
बिखरते रिश्तों और टूटे जज़्बात की,
अंधेरी रातों में उजाले के साथ की,
उजालों ने जो देखी अंधेरी रात की,
सब की कहानी हम जुबानी लिखेगें
सूरज के रथ चढ़ेंगे जिस दिन
संघर्षों की तब अपनी कहानी लिखेंगे।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




