लड़की जैसे जैसे बड़ी होती।
हर घर में दीवार खड़ी होती।।
दीवार तोड़ने का ढंग शिक्षा।
उसे पाने के लिए अड़ी होती।।
उसकी सम्वेदनशीलता देखो।
सारी बात मानकर बड़ी होती।।
प्रतियोगिता की शिक्षा 'उपदेश'।
उससे रोज़गार की झड़ी होती।।
होल से पाँव बाहर निकालती।
शिष्टाचार की दीवार पडी होती।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद