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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

सुर ताल और लय

पेशे ख़िदमत है हुज़ूर
लायी हूँ सुर ताल
वीरू के हाथ हैं बंधे हुए
और गब्बर करे क़माल
ताक धिन धिन धिन ताक,

ना नाचियो इन कुत्तों के सामने
ताक धिन धिन धिन ताक,
ताक धिन धिन धिन ताक,
वीरू रह रह रहा चिल्लाय,
ताक धिन धिन धिन ताक,
ताक धिन धिन धिन ताक,

गब्बर के हाथ बन्दूक है,
ताक धिन धिन धिन ताक,
धिन धिन तिना तिना धिन धिन,
बहुत रहा हर्षाय धिन तिना धिन
ताक धिन धिन धिन ताक,

गब्बर हो गंभीर फिर धिन तिना धिन
बार बार चेताय धिन तिना धिन
नाच बसंती नाच धिन तिना धिन
नाच बसंती नाच धिन तिना धिन
ताक धिन धिन धिन ताक
नाच बसंती नाच
ताक धिन धिन धिन ताक
नाच बसंती नाच
ताक धिन धिन धिन ताक

-फ़िज़ा ज़हान




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

+

Lekhram Yadav said

आदरणीय फिजा जी आपके सुर और ताल वास्तव में हास्य रस से भरपूर हैं । कम से कम 'अरे ओ हरिया' ही पढ़ लेती तो और मजेदार सुर और ताल पेश कर पाती।

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Waah!! Bahut hi khoob hasya se paripurn Sur Taal Sab Mila Daale.

ताज मोहम्मद said

हहाह्हह्ह सच में हंसी आ गई। बहुत मुश्किल होता है किसी को हंसाना पर आपने अपनी रचना से सबको हंसाया। बहुत खूब।

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