एक मुसाफिर का,अता क्या है
कि,उसका पता क्या है
मोहब्बत करने वाले का
आखिर खता क्या है
बता कर दिए होते, अगर, जहर
तो,हम वफ़ा समझ लेते
पीठ पीछे दिये हो, तो, फिर,
इसमें वफ़ा क्या है।
मनोज कुमार सोनवानी "समदिल"
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कि,उसका पता क्या है
मोहब्बत करने वाले का
आखिर खता क्या है
बता कर दिए होते, अगर, जहर
तो,हम वफ़ा समझ लेते
पीठ पीछे दिये हो, तो, फिर,
इसमें वफ़ा क्या है।
मनोज कुमार सोनवानी "समदिल"