सुनो सुनो ये क्या कर रहे हो ?
तुम सिर्फ अपना ही पेट भर रहे हो
पैसा कमाते हो कमाओ जरूर
पैसे से अपना जेब भरो
मगर पैसे का ढंग से सदुपयोग भी तो करो
तुम होटल पर ज्यादातर जाते हो
वहां वियर विस्की पी कर मास मछली खाते हो
सिर्फ इतना ही नहीं देर तक फैशन शो देखते हो
अर्ध नग्न डांसर लड़कियों पर बीतोड़ पैसे फेंकते हो
पैसों से दूसरों पर रोब भी मत दिखाओ
इंसान हो तो जरा इंसान बन जाओ
तुम तो बहुत बिगड़ते जा रहे हो
घर में भी तुम बहुत देर से आ रहे हो
सुनो सुनो..... ये कहां सही है
जिन्दगी सिर्फ ऐश करना ही नहीं है
इस धरती पर आ कर तुमने एक अच्छा काम किया तक नहीं
किसी गरीब आदमी को कुछ दिया तक नहीं
एक दिन मरना ही है ईश्वर से तो डरो
मरने से पहले कोई अच्छा काम तो करो
मरने से पहले कोई अच्छा काम तो करो.......
----नेत्र प्रसाद गौतम

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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