कईं लोगों से सुना,
वो बहुत सुंदर है,
तब उठा मन में प्रश्न,
सुंदरता कहते किसे हैं?
इसका मापदंड है क्या?
शारीरिक शौष्ठव या वर्ण,
क्या ये मापदंड हैं?
या ये होने चाहिए।
क्या किसी के बाह्य बनावट,
या चेहरे का गठन,
या फिर उसके गौर वर्ण से,
हम ये कहें कि वो सुंदर है।
अगर ऐसा है तो इस संसार में,
कुछ प्रतिशत लोग ही सुंदर हैं,
शेष लोग सुंदर ही नहीं।
नहीं, ऐसा नहीं है,
संसार का हर व्यक्ति सुंदर है,
भले उसकी शारीरिक बनावट,
चेहरा या वर्ण कैसा भी हो,
अगर उसके अंदर दया, क्षमा,
शील, प्रेम, आचरण का गुण है,
तो निश्चय ही वह सुंदर है।
अब सुंदरता देखनी हो तो,
आंतरिक सुंदरता को देखना।
बाह्य स्वरूप में नहीं,
अब भी चेहरा सुंदर दिखे मन नहीं,
तो दृष्टि और दृष्टिकोण,
दोनों ही बदल लेना,
शायद तब दिखे वास्तविक सुंदरता।
🖊️सुभाष कुमार यादव