सूरज की चमक जरूरी है मगर आँखे नही खुलती।
प्यार तो है अब भी मगर दिल में घंटियाँ नही बजती।।
उसके आने पर आसमान भी साफ हो जाता यारो।
गुजर जाती गम की राते मगर खुशनुमा नही होती।।
जाने कैसे उनके रंग में रंग गई मेरी दुनिया 'उपदेश'।
जब-कभी बात हो जाती मगर मुलाकात नही होती।।
मेरे अजीज का दिमाग सातवें आसमान पर रहता।
आँखो से पानी बरसता मगर याद कम नही होती।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद