उनके देखने का असर,
इतना सा सफर है,
यहाँ उनको देखने के लिए,
सारा जहां देखना पड़ा
कभी तो इशारों में,
बातें करो तुम,
आँखों ही आँखों से ये क्या करते हो तुम ll
जीने के लिए कभी कोई निमंत्रण मिला क्या,
तुमने मरने पर भीड़ खड़ी कर दी ll
बहुत होता है किसी से मिलना,
उससे हर दिन मिलना, ये जरूरी नहीं ll
उनके दिल में जगह इतनी सी है,
कि उस जगह में दिल नहीं है ll
- Lalit Dadhich....!!

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




