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आये माता के नवरात
पूरी होगी हर इक आस
करती हाथ जोड़ मनुहार
माता का सज गया दरबार
फूल सजे हैं बंदनवार
जगमग जलती तेरी जोत
वंदन करते हैं चित मोर
छायी बहार अब चहुंओर
हो रहा नव मंगल सुभोर
देव गावे मंगलाचार
करें आरती बारम्बार
माता का रूप है अनूप
मोहे नर नारी अरु भूप
चढ़ाऊं सुंदर तोहे फूल
मां मोहे ना जाना भूल
मैया आये शेर सवार
कर दे दुष्टों का संहार
हर लेती सब दुख अपार
करती भक्तों पर उपकार

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




