मैं क्या जी,
हारा हूं,
मैं क्या जी,
गरीब हूं,
मैं क्या जी,
परेशान हूं,
मैं क्या जी,
नादान हूं,
मैं क्या जी,
नासमझ हूं,
मैं क्या जी,
आलसी हूं,
मैं क्या जी,
टूटा हूं,
मैं क्या जी,
कटा फटा हूं,
मैं क्या जी,
उधारी हूं,
मैं क्या जी,
गुणहीन हूं,
मैं क्या जी,
अस्तित्वहीन हूं,
मैं क्या जी,
बहुत फैल चुका हूं,
हो गया,
ठीक,
अब मैं फ्री हूँ।।
- ललित दाधीच।