प्रणय की कथा है,
विरह की व्यथा है,
सुख-दुख से बंधी,
हमारी प्रेमकथा है।
प्रेमियों का वियोग,
सदियों की प्रथा है,
शब्द-2 में वर्णित,
पीड़ा की पटकथा है।
न पाया, न खोया,
दुःखद अवस्था है,
हृदय में प्रेम-भाव,
समान मनोव्यथा है।
विरह विधुर हृदय,
व्यक्त अंतर्व्यथा है,
पक्ष हैं अनेकानेक,
अनेकों अंतर्कथा है।
अश्रु रहित नयनों में,
मिलन की प्रतीक्षा है,
पुनर्मिलन की है आस,
अधूरी हमारी कथा है।
🖊️सुभाष कुमार यादव