कभी न कभी शायर रोता असर के साथ।
सुनने वाला कोई न होता शायर के साथ।।
दिल बनाया ही गया शायद टूटने के लिए।
किस्मत भी रंग बदलती शायर के साथ।।
इस वज़ह से तन्हाई मे रहना पड़ता उसे।
हद कायम होती 'उपदेश' शायर के साथ।।
- उपदेश कुमार शाक्यवार 'उपदेश'
Ghaziabad