खुदा से बढ़कर कौन है मोहब्बत में।
सांसे याद कर रही जिसे इबादत में।।
मैं उसकी पहचान का रहा सितारा।
उसी वजह से जान मेरी आफत में।।
उसकी चमक ने मेरा वजूद छिपाया।
मैं तड़पता रहा उसकी सियासत मैं।।
उस डाली का पत्ता टूटा नही अभी।
हिम्मत बख्शी 'उपदेश' फितरत में।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद